कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर राजधानी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या कम

कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर राजधानी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने लगी है। करुणाधाम आश्रम स्थित महालक्ष्मी मंदिर को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। यहां अब केवल पुजारी ही पूजा-पाठ करेंगे। मंदिर प्रबंधन भी खास सावधानियां बरत रहा है। मंदिरों में घंटियां उतार दी गई तो पुजारी मास्क लगाकर पूजा कर रहे हैं।


खेड़ापति हनुमान मंदिर


ट्रस्ट के पदाधिकारी पं. गोपाल मेहता ने बताया कि पुजारियों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। मंदिर के आरती कक्ष में रैलिंग लगाई जा रही है, जिससे एक साथ ज्यादा लोग वहां खड़े न रहें।


बिड़ला मंदिर


प्रबंधक केके पांडेय ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई है। पुजारियों को मास्क देकर निर्देश दिए हैं कि वे 31 मार्च तक श्रद्धालु को न तिलक लगाएं और न ही कलावा बांधें। मंदिर में नियमित सफाई हो रही है।


काली मंदिर तलैया


मंदिर के व्यवस्थापक रजनीश बगवार ने बताया पुजारियों व कर्मचारियों को मास्क दिए हैं। सभी से मंदिर में हाथ धोकर अाने को कहा जा रहा है। अारती के समय भी कई लोग मास्क लगाए रखते हैं।


भवानी मंदिर सोमवारा 


समिति अध्यक्ष रमेश सैनी ने बताया कि श्रद्धालुओं से कहा जा रहा है कि वे मंदिर में दर्शनों के बाद ज्यादा देर न रुकें।


महालक्ष्मी


करुणाधाम आश्रम के प्रवक्ता अजय कोतवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर में 31 मार्च तक प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हर दो घंटे में सफाई की जा रही है। रैलिंग व दरवाजों की सफाई पर खास ध्यान दे रहे हैं।


मस्जिदों में नमाज अदा करने वुजू करके आएं


मसाजिद कमेटी ने बंदों से अपील की है कि वे नमाज अदायगी के लिए घर से वुजू करके आएं। शादी के जलसे दिन में करें और कोशिश करें कि इनमें नजदीक रिश्तेदार ही बुलाएं। पाकीजगी का खास ख्याल रखें। मसाजिद कमेटी ने कोरोना वायरस के खतरे को समझते हुए बंदों को जरूरी हिदायत और समझाइश देने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी मस्जिदों के इमामों को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। अब वह अपनी मजहबी तकरीरों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के बारे में बंदों को बताएंगे। कमेटी के सचिव एसएम सलमान ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते बुधवार को एक विशेष बैठक कमेटी अध्यक्ष मौलाना अब्दुल हफीज खान की अध्यक्षता में हुई।